तेरे सुर और मेरे गीत - भाग-1 S Sinha द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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तेरे सुर और मेरे गीत - भाग-1

भाग - 1

सुनील एक क्रूज़ शिप पर इंजीनियर था . वहां उसकी मुलाकात एक लड़की जेनिफर से हुई . दोनों एक दूसरे की ओर आकर्षित हुए ….


तेरे सुर और मेरे गीत


सुनील सैन फ्रांसिस्को से हवाई द्वीप के क्रूज शिप पर इंजीनियर था . सैन फ्रांसिस्को पोर्ट से निकलने के बाद करीब 18 दिन बाद हवाई द्वीप से वह वापस आया करता था . सैन फ्रांसिस्को से हवाई में हीलो , होनोलुलु , माउ और कवॉए होते हुए उसका शिप वापस सैन फ्रांसिस्को आता था . इस बार वह दिसंबर के आखिरी सप्ताह में हवाई की क्रूज़ पर निकला था .


30 दिसम्बर की रात वह इंजन रूम से अपनी ड्यूटी समाप्त कर के निकला तो कुछ देर के लिए ताज़ी हवा का आनंद लेने डेक पर बो ( शिप का अग्रिम भाग ) के निकट जा कर बैठ गया . वैसे यह जगह उसकी मनपसंद जगह थी . अक्सर चांदनी रातों में कुछ देर वह यहाँ बैठ कर आकाश की ओर देखता और झिलमिल करते तारों को निहारा करता . पर उस रात चांदनी नहीं थी , रात अँधेरी थी फिर भी प्रदूषण से दूर वह स्वच्छ वातावरण का आनंद लेने बो पर बैठा था . यहाँ इंजन रूम के शोर की अपेक्षा शांति थी . जो थोड़ी बहुत आवाज थी वह जहाज द्वारा पानी को चीरने की थी हालांकि यह आवाज उसे अच्छी लगती थी .


उसी समय कुछ दूर पर अँधेरे में उसे दो छाया दिखी , एक सेक्युरिटी गार्ड था जो उसके ड्रेस से दूर से ही पहचाना जा सकता था और दूसरी किसी औरत या लड़की की . गार्ड जब उसे डेक पर अँधेरे में आगे जाने से मना कर रहा था तब उसने गार्ड से कहा “ वहां एक आदमी बैठा है , मैं भी वहां जाना चाहती हूँ . “


“ मैम , वह हमारा इंजीनियर है , वहां बैठना उसकी हॉबी है . वैसे भी उस एरिया में सिर्फ क्रू ही जा सकते हैं . आमतौर पर पैसेंजर को वहां नहीं जाने दिया जाता है . “


तभी सुनील बोल उठा “ उसे आने दो , वह मेरी पहचान वाली है . “


वह लड़की पास आ कर बोली “ हाय इंजीनियर , थैंक्स तुमने मुझे यहाँ आने दिया . पर मैं तो तुम्हारी पहचान वाली नहीं हूँ . “


“ तो क्या हुआ अभी पहचानवाली बन जाओगी . मैं सुनील हूँ . इंडियन अमेरिकन हूँ . “


“ मैं जेनिफर , मैं लंकन अमेरिकन हूँ और हवाई में सैटल कर चुकी हूँ . तुमसे मिल कर ख़ुशी हुई . मैंने तुम्हें कल रात भी यहाँ देखा था तो आने की इच्छा थी मगर अँधेरे में डर लग रहा था . आज हिम्मत कर आ ही रही थी कि तुम्हारे गार्ड ने रोका . वैसे यहाँ तुम्हें क्या खास ख़ुशी मिलती है . “


“ ये रातें , ये मौसम नदी का किनारा और चंचल हवा ..... “


“ तो जनाब गीतकार भी हैं ? वैसे यहां कोई नदी तो नहीं है . “


सुनील ने दूर किनारे लाइट हाउस से आती हुई रौशनी को दिखा कर कहा “ हम किनारे से बहुत दूर भी नहीं हैं . मैं स्पेयर टाइम में कुछ लिख लेता हूँ , पर अभी जो गा रहा था वह हिंदी फिल्म का एक गीत था .बाइ द वे तुम क्या करती हो ? “


“ मैं पार्ट टाइम जॉब करती हूँ , वो भी फ्री लांस . जब जी किया कुछ महीने जॉब किया फिर कुछ आराम . कभी हवाई , कभी कैलिफ़ोर्निया तो कभी न्यू यॉर्क तक भी आती जाती रहती हूँ . कभी चीयर लीडर का काम तो कभी क्लब या होटल में डिनर रूम सिंगर . इसके अलावा फ्री टाइम में पेंटिंग भी कर लेती हूँ . “


“ वैरी गुड , तुम तो बहुमुखी प्रतिभा वाली लड़की हो . “


“ अब तुम मुझे बोर करने लगे हो . तुम भी तो इंजीनियर और गीतकार दोनों हो , तकनीक और कला का संगम . अच्छा यह सब छोड़ो , कल शिप पर न्यू ईयर पार्टी है . आ रहे हो न ? “


“ मुझे भीड़ से अलग रहने की आदत है पर शिप का अफसर हूँ , पार्टी क्रूज़ की तरफ से है तो आना ही पड़ेगा . “


“ ओके , कल मिलते हैं पार्टी में . तुम अपना कोई एक गीत मुझे देना , मैं देखूंगी तुम कैसे कैसे गीत लिखते हो . “


सुनील उठ खड़ा हुआ और बोला “ ओके , चलो मेरे केबिन में . वहां तुम्हें मैं अपने गीत दिखा दूंगा उनमें से जो कोई गीत पसंद हो उसे चुन लेना . “


जब चलते हुए दोनों लाइट के निकट आये तब सुनील ने जेनिफर के चेहरे की ओर देखा उसे लगा कि यह वही क्लब वाली लड़की है जिसने करीब एक साल पहले उसे धक्का दे कर गिरा दिया था . उसने जेनिफर से इसकी कोई चर्चा नहीं की .


सुनील जेनिफर के साथ अपने केबिन में गया , उसने अपनी एक डायरी उसे देते हुए कहा “ इनमें मेरे कुछ गीत हैं , कुछ अधूरे भी हैं . तुम देखो तुम्हें इनमें कौन सा गीत चाहिए . “

जेनिफर ने डायरी के कुछ पन्ने खंगाले फिर एक पेज का फोटो अपने फोन से लिया और बोली “ मेरा काम हो गया , अब मैं चलती हूँ . गुड नाईट डियर इंजीनियर . “


“ गुड नाईट , सी यू टुमॉरो . “


अगला दिन 31 दिसंबर , साल और इत्तफाक से सदी का आखिरी दिन भी था . क्रूज के क्लब हॉल को नए साल के स्वागत के लिए विशेष रूप से सजाया गया था . न्यू ईयर पार्टी डिनर के साथ ही शुरू हो गयी . गीत , संगीत , डांस , कुछ छोटे मोटे मिमिक आदि प्रोग्राम चल रहे थे . सुनील जेनिफर का इंतजार कर रहा था . रात के 11 बजे जेनिफर आयी . वह उसके पास आयी पर वह सुनील के पास 10 मिनट से ज्यादा नहीं रही . इसी बीच दोनों ने चीयर्स कह कर दो घूंट शराब शेयर कर लिए . ‘ फिर मिलते हैं , कुछ देर बाद ‘ बोल कर जेनिफर वहां से चली गयी .


क्रमशः


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